50 रुपए महंगा हुआ घरेलू गैस सिलेंडर: उज्ज्वला लाभार्थियों को भी झटका, जानें नई कीमतें और वजह

प्रकाशित: 8 अप्रैल 2025 | लेखक: Fact Post News Team
सोमवार को देशभर के आम उपभोक्ताओं को बड़ा झटका लगा, जब सरकार ने घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में 50 रुपए की बढ़ोतरी का ऐलान किया। यह बढ़ोतरी 7 अप्रैल से लागू हो चुकी है।
जहां एक ओर आम उपभोक्ताओं को जेब ढीली करनी होगी, वहीं उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को भी अब सब्सिडी वाला सिलेंडर 500 रुपए की बजाय 550 रुपए में मिलेगा।
📍 नई कीमतें क्या हैं?
- दिल्ली में नया रेट: ₹803 → ₹853
- उज्ज्वला योजना (सब्सिडी वाला): ₹500 → ₹550
- मुंबई में रेट: ₹802.50 → ₹852.50 (अनुमानित)
- अन्य राज्यों में भी इसी अनुपात में बढ़ोतरी
💬 पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी का बयान
मंत्री ने कहा, “ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (OMCs) को बीते महीनों में घरेलू सिलेंडर की बिक्री से लगभग ₹41,000 करोड़ का घाटा हुआ है। ये घाटा इसलिए हुआ क्योंकि कंपनियां लागत से कम कीमत पर गैस सिलेंडर बेच रही थीं।”
इस घाटे की भरपाई करने और कंपनियों को वित्तीय रूप से स्थिर रखने के लिए दाम बढ़ाना अनिवार्य हो गया था।
🏭 1 अप्रैल को कॉमर्शियल गैस सस्ती, अब घरेलू महंगी!
दिलचस्प बात यह है कि 1 अप्रैल 2025 को ही 19 किलो वाले कॉमर्शियल सिलेंडर के दाम घटाए गए थे:
शहर | पहले कीमत | नई कीमत | अंतर |
---|---|---|---|
दिल्ली | ₹1803 | ₹1762 | ₹41 सस्ता |
कोलकाता | ₹1913 | ₹1868.50 | ₹44.50 सस्ता |
मुंबई | ₹1755.50 | ₹1713.50 | ₹42 सस्ता |
चेन्नई | ₹1921.50 | ₹1921.50 | कोई बदलाव नहीं |
📊 गैस सिलेंडर की कीमतें कैसे तय होती हैं?
LPG कीमतें कई फैक्टर पर आधारित होती हैं:
- अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल के दाम
- डॉलर-रुपया एक्सचेंज रेट
- रिफाइनिंग और डिस्ट्रीब्यूशन लागत
- GST, डीलर मार्जिन और ट्रांसपोर्ट
हर महीने की पहली तारीख को कंपनियां मूल्य संशोधन करती हैं। सब्सिडी की रकम केंद्र सरकार देती है — लेकिन उसका दायरा उज्ज्वला योजना तक सीमित हो गया है।
🤔 हमारा विश्लेषण: आम आदमी फिर पिसा
पिछले साल महिला दिवस (8 मार्च 2024) पर सरकार ने सिलेंडर की कीमत में ₹100 की कटौती की थी, जिससे दिल्ली में सिलेंडर ₹903 से घटकर ₹803 का हो गया था। अब उसी जनता को दोबारा 50 रुपए की चपत लगाई गई है।
उज्ज्वला योजना का उद्देश्य गरीबों को राहत देना था, लेकिन अब जब सब्सिडी की कीमत भी बढ़ा दी गई है — तो सरकार की मंशा और असल में मिलने वाली राहत पर सवाल उठने लगे हैं।
📢 जनता क्या कह रही है?
“महंगाई पहले ही कमर तोड़ रही है, अब गैस भी महंगी कर दी। खाना बनाएँ या घर चलाएँ?” – शालिनी, गृहिणी (गाजियाबाद)
“अगर कंपनियों को घाटा था तो सरकार मदद करती, आम आदमी क्यों भुगते?” – राजेश, टैक्सी चालक (भोपाल)
📌 अब क्या उम्मीद करें?
- चुनाव नजदीक हैं, ऐसे में कीमतें बढ़ाना जोखिमभरा फैसला माना जा रहा है।
- लेकिन यदि वैश्विक बाजार में LPG की कीमतें और बढ़ती हैं, तो अगले महीने और बढ़ोतरी संभव है।
🧠 Fact Post की राय: एक आंख सब्सिडी पर, दूसरी अंतरराष्ट्रीय बाज़ार पर रखिए
दाम बढ़ना अब एक नियमित चक्र बन चुका है। समझदार नागरिकों को चाहिए कि वो हर महीने की 1 तारीख को LPG अपडेट्स पर नज़र रखें। साथ ही, एलपीजी के विकल्प जैसे पीएनजी, इंडक्शन कुकिंग जैसी तकनीकों पर भी विचार करना चाहिए।